सोमवार, 24 अक्तूबर 2016

बच्चों को बनाना है संस्कारी तो ये करें

बच्चों को संस्कारी बनाना है तो करना पड़ेगा खुद में परिवर्तन
दोस्तों हम चाहे तो अपने बच्चों को वैसा बना सकते है जैसा हम उसे बनाना चाहते है और ये कोई ज्यादा मुश्किल काम नहीं है। बस हमे छोटी-छोटी बातों को नजरअंदाज नहीं करना है और संयम बर्तन है क्योंकि कोई भी बच्चा माँ के पेट से सबकुछ सीखकर नहीं आता बल्कि जो सीखता है इस दुनिया में आकर सीखता है क्या सही है क्या गलत है क्या खाना है क्या पीना है ये सब हमारे बीच आकर ही सीखता है। कोई उसे नहीं भी सिखाये तब भी वह सीख जाता है। और कहा से सीखता है पहले इस पर गौर फ़रमाएगा।
जब बच्चा छोटा होता है  उसे कुछ नहीं पता होता है की कौन क्या है किस्से उसका क्या रिश्ता है और मजेदार बात ये है की कई रिश्ते हम उसे बताते भी नहीं है और उसे पता चल जाता है की इससे मेरा क्या रिश्ता है और ये मेरा कौन लगता है। मासूम सा प्यारा बालक/बालिका जो दुनिया से अनजान होता है उसके अच्छे या बुरे इंसान बनने में किसका दोष होता है माँ बाप का, मुहल्ले का ,समाज का, जाती या धर्म का